बिन बताये हमें काम क्या कर दिया

बिन बताये हमें काम क्या कर दिया
दिल लगाना खुदा अब सज़ा कर दिया।

जिंदगी भर करी थी वफ़ा पर वफ़ा 
इस वफ़ा ने उसे बेवफ़ा कर दिया।

कुछ न आये नज़र अब तो तेरे सिवा
यूं निग़ाहों ने तेरी नशा कर दिया।

मंज़िलें भी न आई नज़र दूर तक
कैसी राहों में मुझको खड़ा कर दिया।

हम तो इंसान सीधे थे अच्छे भले
पूज कर उसने हमको खुदा कर दिया।


तारीख: 20.10.2017                                    अभिषेक कुमार अम्बर




रचना शेयर करिये :




नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है