दबा दर्द दिल में पुराना बहुत है

दबा दर्द दिल में पुराना बहुत है
कहाँ तक सुनाऊँ फसाना बहुत है


महज़ चार आँसू में घबरा रहे हो
अभी दर्द तुमको सुनाना बहुत है


मिरे दो ही अश्आर पे झूमते हो
मेरे पास ऐसा खजाना बहुत है


हमेशा रखो राज़ दिल में छुपाए
हुआ मतलबी अब ज़माना बहुत है


है आसाँ बहुत आग दिल में लगाना
लगी आग मुश्किल बुझाना बहुत है
 


तारीख: 17.03.2018                                    डॉ. लवलेश दत्त









नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है