दर्दे दिल

दर्द बन जाएगा दवा इक दिन 
कोई तो देगा ये दुआ इक दिन 

प्यार में पड के छूट न पाओगे 
कोई तो देगा ये सज़ा इक दिन 

आज तो ना है आपकी लेकिन 
ना भी हो जाएगी रज़ा इक दिन 

उम्र इक सिलसिला है जम के जिओ 
ख़त्म कर देगी ये क़ज़ा इक दिन 

हर घड़ी साथ उनका मुश्किल है 
खल्वतों में भी आजायेगा मजा 
इक दिन ।

मुझको तस्लीम  हैं  गुनाह मेरे 
माफ कर देंगे वो खता इक दिन 

कूयूँ भला होते हैं आमीर-ओ -
गरीब 
ये भी चल जाएगा पता इक दिन।
अनिल


तारीख: 22.05.2025                                    अनिल कुमार




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