मेरे दिल का तेरी यादों से वास्ता क्या है।
कौन है तू मेरा तुझसे रिश्ता क्या है।
अक्स नही दिखता मुझे आईने में खुद का
खुद को पहचानने का बता रास्ता क्या है।
क्यूँ मुझे हर बार टूटने से बचाता है
कितना और मेरे बारे में तू जानता क्या है।
तू ही मंजिल है तो पास होकर क्यूँ दूर है
नही तो फिर तेरे पास मुझे रोकता क्या है।
"बेचैन"समझने में ओर कितनी उम्र गुजारें
ये उलझता - सुलझता अहिस्ता क्या है।