जो दिल से थे कभी अपने बेगाने बन के बैठे हैं
ज़रा सी बात पर देखो वो कैसे तन के बैठे है ।
जहाँ एहसास बिकते हो जहाँ जस्बात बिकते हो
समझ जाना वहाँ पर अब पुजारी धन के बैठे है।
जो अहमक ये कहे तुझसे कि तू भी प्यार कर मुझसे
तो कह देना ये उससे तुम कि साथी चुन के बैठे है।
हमे लगता बहुत है डर तिरे यूँ दूर जाने से
कि जबसे ख्वाब तेरे हम ज़हन मे बुन के बैठे है।
हुआ किस्सा पुराना ये उन्हें कैसे बताए हम
सुनाना चाहते हैं जो वो हम तो सुन के बैठे हैं।