फिल्मी डेमोक्रेसी है ज़रा संभल के
अच्छी हिप्पोक्रसी है ज़रा संभल के।
पर्दे के पीछे,पर्दे के आगे ,दो पहलू है
सोंच कितनी हितैषी है ज़रा संभल के ।
बस यूँ ही अपना सिक्का चलता रहे,
वाकी तो ऐसी तैसी है ज़रा संभल के ।
बहुत उठाया है फ़ायदा जनता का मगर,
अब नहीं पहले जैसी है ज़रा संभल के।
तू क्योंकर खामखाँ खुनस में है अजय
तू कौन सा ओबैसी है ज़रा संभल के।