उसने चूड़ी,बिंदी,कंगन,जेवर,पाजेब सब पहन लिए
और फिर बेपर्दा महफ़िल में आ गयी , गज़ब किया
सत्ता,मद,अहंकार, विलासिता सब तुमको माफ़ है
तुम ने सर से कफ़न तक माँग लिया, गज़ब किया
माँ रोती रही और बाप बेहोश हो गया विदाई पर
और बेटा फिर भी लौट कर नहीं आया,गज़ब किया
पुराने खत, कुछ वक़्त और महकते फूल ज़िंदा हैं
पर उसने मेरा ही क़त्ल सरेआम किया,गज़ब किया
जश्न में बहुत शोर था, बहुत जोर था तुम्हारे नाम का
पर तुमने फिर भी मेरा ही शेर सुनाया , गज़ब किया