ग़ज़ल  में ग़मों के तराने लिखे

gazal akib javed

ग़ज़ल  में ग़मों के तराने लिखे
कई  दर्द  अपने  पुराने  लिखे।।

हमीं ने लिखी वक्त की बेरुख़ी
हमी ने  बदलते ज़माने लिखे।।

जहां  ज़िन्दगी  ने  अंधेरे  दिए
क़लम ने उजाले सुहाने लिखे।।

मुझे  प्यार  में  तूने धोखा दिया
तिरे बख्शे ग़म के फसाने लिखे।।

हक़ीक़त में हो ख़्वाब पूरे ये सब
ऐसे ख़्वाब हमने सयाने लिखे।।


तारीख: 27.01.2024                                    आकिब जावेद









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