किरदार की तरह

कहानी में हूँ किरदार की तरह
बाज़ार में हूँ खरीदार की तरह ।
अहमियत बस उतनी है घर में
जैसे चौखटऔर द्वार की तरह ।
कोई मेरे बराबर ही नहीं यहाँ
मैं हूँ चीन की दीवार की तरह ।
वादा करके मुझे भूल गए हैं वो
सनम भी हैं सरकार की तरह ।
अब क्या कहें अजय तुम से
हैसियत में हो बेगार की तरह ।


तारीख: 02.03.2024                                    अजय प्रसाद









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