ख्वाब सा सामने हू - ब - हू आइयें ।
बन के दिल की मेरे आरज़ू आइयें ।।
धड़कनों में कभी आएं दिल में कभी ,
आइयें जब कभी रू-ब-रू आइयें ।।
इश्क का है जो बीमार क्या कीजिये ।
अब दवा है नही बस दुआ कीजिये ।।
तुम सितम ही करो बस रहे वास्ता ,
बेवफा बस यही इक वफ़ा कीजिये ।।
जख्म भरते नही फिर भी मैं सी रहा ।
आँख के आशुओं को भी मैं पी रहा ।।
नींद आँखों में औ चैन दिल में नही ,
क्या कहूँ तुम बिना कैसे मैं जी रहा ।।
हक़ मिला ही नही जबकि हक़दार था ।
जीत कर भी जो हारा मैं वो प्यार था ।।
बेवफा वो नही मेरी किस्मत क़ि मैं ,
इक अधूरी कहानी का किरदार था ।।