रिश्वत जागीर हुई

रिश्वत जागीर हुई मानो।
उनकी तकदीर हुई मानो।।

है आलस में वक्त गुजारा,
असफल तदबीर हुई मानो।

कंप्यूटर की इस दुनिया में,
कोई  तहरीर  हुई  मानो।

समझा होगा यार लतीफा,
बातें  गंभीर  हुई  मानो।

खुद को सच्चा साबित करना,
ये  भी  तंजीर  हुई  मानो।
 


तारीख: 20.02.2024                                    अविनाश ब्यौहार









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