बलात्कार

बलात्कार.....
क्या अर्थ है इसका.... 
शाब्दिक रूप से 
कहा जाये तो, 
मेरी जङ बुद्धिनुसार,
बिना अनुमति के साहचर्य माने बलात्कार।। 
प्रतीकात्मक रूप से कहूं तो 
निर्भया उर्फ ज्योति, रामपुर तिराहा, मुरथल कांड, 
या बुलंदशहर की गुङिया.......।।

और अगर
हमारी उन्नत और दर्शनशास्त्रित 
परिष्कृत सोचानुसार 
देखा जाए इसका भावार्थ, 
तो
पीड़ित को, 
जागते सोते हर पल दिखते कुछ वहशी चेहरे
हर घूंट तेजाब की मानिन्द गले में उतरता पानी 
बदन पर उन गंदे हाथों की खुरदरी सी जकङन
बेधारदार हथियार से छिली गई उसकी आत्मा
और उसे खुद में से आती हुई लाश जैसी दुर्गंध
और
फिर भी जिंदा होने का श्राप 
और और और 
ना जाने और क्या क्या 
जो परे है, 
कम से कम मेरे दर्द की ज्ञात पराकाष्ठाओं से।। 

और फिर
छुपाने का प्रयास 
इस बलात्कार को 
"दुर्घटना", "बदकिस्मती", "लड़कों से हो जाने वाली गलती"
और 
"राजनितिक साजिश" जैसे
छलावावरित नामों से
उन लोगों द्वारा, 
जिनकी थी जिम्मेदारी 
इस दुर्घटना को ना होने देने की
और 
साथ ही साथ होने वाली 
राजनीतिनुमा/मिडियानुमा/सांत्वना राशिनुमा 
अम्ल की बारिश 
उस 
बलात्कारित, सांसों के फटे हुए तंबू पर
बदलने को, 
उसे वोटों और टी.आर.पी. में......।।

लेकिन, 
काश,
कभी एक पल, सिर्फ एक पल के लिए भी
ये लोग या बलात्कार करने वाले 
महसूस कर पायें 
इस बलात्कार शब्द का भावार्थ 
तो फिर 
ना तो बलात्कार की 
शाब्दिक पुनरावृत्ति होगी 
और 
ना हीं प्रतीकात्मक 
लेकिन ये सब होना नहीं लगता मुमकिन 
इसलिए 
मेरी एक गुजारिश को 
कोई बलात्कारियों तक पहुंचा दे
कि 
बलात्कार के बाद उस कन्या को
कम से कम 
मौत ही बख्श दे
मैं दावा करता हूं ऐ कुत्तों 
ये तुम्हारा 
उस चिड़िया पर बहुत बङा अहसान होगा।। 

और 
वो सब 
जो सह रहे हैं 
इस शब्द को चुपचाप 
सजग रहिये, चौकन्ने रहिये और तैयार रहिये
इन भावों को 
खुद पर या अपने परिवार में महसूस करने के लिए..... 
 


तारीख: 05.06.2017                                                        उत्तम दिनोदिया






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