कर दी थी मेरी सारी तमन्नाएं,बस एक तेरे ही नाम
अच्छा सिला दिया तुमने ,करके मेरे प्यार को आम।
लुटा दी थी खुशियां बस एक तेरे से नाता जोड़ दिया
करके रूसवा तूने इश्क को मेरे , मुझसे मुंह छिपा लिया।
देकर साथ तेरा उस वक्त, अपनों से भी दगा कर दिया
छोड़कर दामन मेरा, गैरों का दामन तुमने थाम लिया।
प्यार के दो शब्द बोले ,गुजरा जमाना जैसे हो गया
लगता है मोहब्बत का हर्जाना, बहुत हमने चुका दिया।
बेदर्दी बालमा तुझको, रास ना दुनिया मेरी आई
करके हंसी सितम मुझपर,तुझको याद ना मेरी आईं।
करके ज़ख्मी दिल को, सौं टूकडे तू हर वक्त कर गया
आजमा कर दिल को मेरे , तेरा मन मुझसे ही भर गया।
किए थे वादें जो अनगिनत तुमने, चंद पलों में तोड़ दिए
बदल कर दुनिया मेरी, जिंदगी के रूख तुमने मोड़ ही दिए।
बड़ी शिद्दत से चाहा था तुझको, चाहत ना समझा तू हरजाई
बने हैं हम एक दूजे के लिए, बात इतनी सी तेरी समझ नहीं आई।
करने तेरे सपने पूरे, कितनी नींदों को अपनी दांव पर लगा दिया
बनाकर पूर्ण तेरे वजूद को, सर्वस्व ही मैंने अपना खो दिया।
अब तो दिल भी पूछते पूछते थक गया, क्या खता हो गई?
मोहब्बत की आजमाइश में जिंदगी यूं ही तमाम हो गई।