पिता ५ कविताऐं

Pita

१.

कांधों पर
टहलने वाले बच्चे
पिता की
दुनियाँ होते हैं,
जब बच्चे
सो रहे होते हैं,
अपनी दुनियाँ में,
नंगे बदन पर
चादर ओढते पिता
माँ हो जाते हैं.......
.
२.
घर से
निकलते हुए
पिता चूमते हैं,
बच्चों के माथें को
माथें को चूमना
ईश्वर को की प्रार्थना
या ऐसा करते हुए पिता
खुद ईश्वर होते हैं......
.
३.
पिता होते हैं,
बच्चों के लिए
कठोर आवरण वाले
फलदायी पेड़
पेड़ होने पर पिता
देते हैं ठंडी छांव
जबकि पिता के हिस्से में,
आती है बस धूप......
.
४.
फैलता है
बच्चों का संसार
पिता सिमटते हैं
सफेद पके बाल
आँखों का मोतियाबिंद
अकेले में,
गुपचुप रोते पिता
माँ की याद में छलकते
आँसू होते हैं......
.
५.
बहुत कुछ
कहने वाले पिता
एक दिन
कुछ नही कहते
मौन हो जाते हैं,
सदैव के लिए
उनके मौन होने पर
पृथ्वी छिटक जाती है
अपनी परिधि से
हमारा संसार
बदल जाता है
पिता एक तस्वीर हो जाते हैं.....


तारीख: 18.04.2020                                    देव रावत देव









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