ये साक्षात भगवान 

 

चेहरे पर मुस्कान लिए

दिल में एक एहसास लिए,

निकलते हैं प्रतिदिन कर्मपथ पर

बिना कोई अभिमान लिए ,

स्वयं के पीड़ित होने का डर

उन्हें नही हरा पाता,

घर लौट पाने का भय

उन्हें नहीं डरा पाता ,

बड़े दिल वाले होते हैं इस पेशे के लोग

जो परिवार से  निकलकर करते हैं समाजसेवा ,

किसी मुद्रा से नहीं चुक पाता,इस सेवा का मूल्य

 इन हिम्मत के धनी लोगों की सेवा ही बहुमूल्य,

एक कीटाणु के कहर से ,पूरा विश्व जब था त्रस्त

सभी ओर से बेकाम हुए,सारे अस्त्र और शस्त्र

अस्पताल में बने रहे,ये साक्षात भगवान

कितनो की सेवा की और दे गये नया जीवनदान

डॉक्टर ,नर्स और मिड वाइव्स ,के पद हैं इनकी पहचान,

निरन्तर जूझते रहते ,होती नहीं इन्हें थकान

सतत करते रहते हैं ये कल्याण

नहीं देखते जाति ,धर्म

परिचय केवल इनका है निःस्वार्थ सेवा,निरन्तर कर्म.......


कविता के अंत में एक जानकारी भी देना चाहूंगी  " विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वर्ष  2020 को नर्स और मिड वाइव्स के सतत प्रयास  और सेवा भाव को  सम्मान देने हेतु  YEAR OF THE NURSE AND MIDWIFE घोषित किया है।


तारीख: 18.04.2020                                    शबनम कुमारी









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