घनो प्यारो देस, ऐसो म्हारो देस

ghano pyaro desh

सब सहरी बनी रिया, ने पछे परदेस छूटी रियो
खुल्ली फ्री हवा की जागे यो Ac भा रियो हे
रोटी नी भावे, फास्ट फूड का आदी वई रिया हे
कुआं को पानी नी चाले पण मिनरल वॉटर ने कोक
 गला तर करी रिया हे
तंग पतलून ढीली धोती ने पछाड़ी री हे
कुर्ता तो खुजली करे ने बूसट में सारा इतरई रिया है
रे आपणी बोली फिक्की लागे ने फिरंगी बोली जबरन
लपेटी रिया हे
 रे गांव सब सूनो वई रियो ने सेहर उबाली खई रियो हे
भगवान के पिसा से तोले ने गरीब ने मोट्टी आंखा दिखाए
नेता, पंडित, डाक्टर, शिक्सक,बाबू सब जम जम के लूटी रिया हे
आदमी आदमी ने काटी के,राक्षस के भी सर्मिंदा करी रिया 

पेसा के पाछे आपरो ज़मीर बेची के, लोगन का गला काटी के खुद बड़ा हुई रिया हे
ने देस की मोटी पूंजी बारूद में उड़ई रिया हे

या कसी आजादी आपन मनई रिया हे
कुछ सोचो र देशवासी, आपण त खुद का गुलाम वई रिया 
उठो जागो इंसान बनो, बॉर्डर के हीरो नी लाज राखो
आज़ादी की सांस सोची समझी ने खरचो
ज़बान शहद सी मिट्ठी विचार अमृत सा ने कर्म नेक राखो
बापू भगत आज़ाद लक्ष्मी, इन अनमोल रत्नों के बलिदान 
का मोल तो जानो
अपनी माटी की खुसबू पहचानो,इसका कर्ज उतारनो
आपना फर्ज़ समझो
अपना देस में "सोने की चिड़िया" फिर लिवा लाओ
 फिर लीवा लाओ !!


तारीख: 14.02.2024                                    श्वेता मषेश्वरी









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