जिंदगी की सच्चाई

अनायास ही मरे तो क्या मरे
 कभी किस्तों में मर के तो देख
 जिंदगी भर जिया है अपने लिए
 किसी और के लिए जी कर तो देख 
 खूब देखे होंगे ख्वाब मगर
 ख्वाब को हकीकत में बदल के तो देख
 किए होंगे खूब सवाल जिंदगी से
 एक सवाल पहले अपने आप से करके तो देख
 क्यों रोता रहा जिंदगी भर
 जिंदगी कितनी हसीन है जी कर तो देख
 क्या लिखा है तुझे किसी ने
 लिफाफा यह खोल कर तो देख
 फट जाएगी आंखें
 देख वास्तविकता को
 जरा कुछ देर के लिए 
 धरातल पर उतर के तो देख
 कितनी रस भरी थी जिंदगी
 हर रस को अपने जिव्हा पर चख कर तो देख


तारीख: 08.04.2025                                    प्रतीक बिसारिया




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