चुप मत रहो !


अहंकारी को हंसता देखकर
विनम्र को सिसकता देखकर
चुप मत रहो !

गुनहगार को मस्त  देखकर
बेगुनाह को पस्त  देखकर
चुप मत रहो !

अभिमानी को उड़ता देखकर
स्वाभिमानी को गिरता देखकर
चुप मत रहो !

दबंग का  सत्तासुख देखकर
निर्बल का फैला हाथ देखकर
चुप मत रहो !

धनी की मुटठी में आसमान देखकर
निर्धन को अन्न को तरसता देखकर
चुप मत रहो !

न्याय को झूठ संग खड़ा देखकर
अन्याय की सच पर मार  देखकर
चुप मत रहो !

बेईमान को फलता देखकर
ईमानदार को मरता देखकर
चुप मत रहो !

असत्य की जय-जयकार देखकर
सत्य को रोता ज़ार-ज़ार देखकर
चुप मत रहो !

क्योंकि ये चुप्पी आत्मघाती है !


तारीख: 07.04.2020                                    सुजाता









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