दिल की बात

दिल की बात आज कह लेने दो,
हुआ है आगाज तो ,होने दो,
खिला है फूल तो,खिलने दो,
वक्त ये ना ठहरेगा ,इसे गुजरने दो,
दिल की बात आज कह लेने दो।
झुकी झुकी सी नज़र,
उठी है आज तो उठने दो,
छेड़ा है साज तो,सुर बजने दो,
वक्त ये ना ठहरेगा,इसे, गुजरने दो,
दिल की बात आज कह लेने दो।
खुले हैं पन्ने यादों के,तो खुलने दो,
उठता है दर्द सीने में ,तो उठने दो,
वक्त ये ना ठहरेगा,इसे गुजरने दो,
दिल की बात आज कह लेने दो।
मिलन‌‌ को बैचेन दो दो मन,
होता है मिलन,तो  हो जाने दो,
जगी है प्यास ,तो जगने दो,
विरह का अहसास होता है तो होने दो,
वक्त ये ना ठहरेगा,इसे गुजरने दो,
दिल की बात आज कह लेने दो।


तारीख: 08.03.2024                                    रेखा पारंगी









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