एक दिन गुमनाम ही जहां से गुजर जाऊँगा ज़िंदगी तेरी नज़रों से जब मैं उतर जाऊँगा । कुछ लोग आएंगे मेरी मैयत पे आसूँ बहाने ओढ़ कफ़न अपने-वजूद से मुकर जाऊँगा ।
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