छोड़ो सारी जंग ,
करो खूब तंग ,
सब करो ठिठोली ....
चाँद डाले रंग ,
रंगे धरा के अंग ,
ऐसे भरो झोली .....
मन ज्यों तरंग ,
भरे प्रीत उमंग ,
बोलो ऐसे बोली ....
पियो थोड़ी भङ्ग ,
शिव गौरि संग ,
नाचो पूरी टोली ....
हो जाओ मग्न ,
बनो राधिका-नंद ,
ऐसे खेलो होली ....