होली स्पेशल

छोड़ो सारी जंग ,
करो खूब तंग ,
सब करो ठिठोली ....

चाँद डाले रंग ,
रंगे धरा के अंग ,
ऐसे भरो झोली .....

मन ज्यों तरंग ,
भरे प्रीत उमंग ,
बोलो ऐसे बोली ....

पियो थोड़ी भङ्ग ,
शिव गौरि संग ,
नाचो पूरी टोली ....

हो जाओ मग्न ,
बनो राधिका-नंद ,
ऐसे खेलो होली ....
                 


तारीख: 29.06.2017                                    शशांक तिवारी




रचना शेयर करिये :




नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है