तुम्हारा जाना स्वांस रोकने के लिए पर्याप्त था
किंतु मैं पूर्णतः मृत्यु को प्राप्त नहीं हुआ
बस कहीं न कहीं खो सा गया हूँ या ( बस खोने का ढोंग कर रहा हूँ )
हालाँकि प्रतीक्षारत हूँ तुम्हारे लिए अजीवन पर
मैं चाहता हूँ की तुम मुझे ढूंढो
हर उस चौक चौराहे और पार्क में जहां हम साथ साथ कविता लिखा करते थे हो सकता है मैं वही कही मिल जाउँ अधूरी प्रेम कविता लिए
जिसे तुम्हारे और मेरे समिप्तत्व ही पूर्ण कर सकती है