पेड़ तुम पत्ती तुम

पेड़ तुम पत्ती तुम ,
फूल सा महकती तुम ,
तुम चंचल तितलियाँ ,
मैं माली ....

चावल तुम दाल तुम ,
स्वादिष्ट सलाद तुम ,
तुम ताकतवर रोटियाँ ,
मैं थाली ....

तकिया तुम चादर तुम ,
सज़ा हुआ बादल तुम ,
तुम शांत रतियाँ ,
मैं दियाली ....

सांस तुम धड़कन तुम ,
साफ मन दरपन तुम ,
तुम जीवन की ख़ुशियाँ ,
मैं सौभाग्यशाली ....


तारीख: 29.06.2017                                    शशांक तिवारी




रचना शेयर करिये :




नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है