पिता- एक आधार


जीवन का आधार और सार है पापा
हर मुश्किल का हथियार है पापा
सह लेंगे ख़ुद हर धूप और बारिश
बच्चो के सर की ठंढी छाँव है पापा
जीवन का....

सच है माँ बिन सब सूना और अधूरा है
पर बिन आप भी कहाँ कोई संसार है पापा
सर पे है हाथ आपका ये ख़याल ज़रूरी है
न हो तो छोटी सी बात भी बवाल है पापा
जीवन का आधार...

कोई भी बात हो भीतर ही रहती है आपके
आता है जो बाहर वह बस प्यार है पापा
हर वार खुद पे ले कर भी जो मुस्कुराये
ऐसी अभेद और सख़्त हमारी ढाल है पापा
जीवन का आधार...

सवांरने को हमे बुरे भी बन जाते है
ज़रूरत पड़े तो कभी कभी मार भी लगाते है
उनसे से भी अच्छे और समृद्धि बने हम
ये चाहने वाले अकेले इंसान है पापा
जीवन का आधार...


तारीख: 29.02.2024                                    आलोक कुमार









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