तुम बिन जीवन व्यर्थ है , तुम बिन साँसें तंग ,
सब मुझको रंगते रहे , पर तुम बिन कैसा रंग !!
आँख के आँसू से मिला , ज्यों तेरा ये रंग ,
मुखड़ा मेरा लाल हुआ , फड़के सारे अंग !!
रंग गुलाली चमकीला , सारे लगते शूल ,
तुम बिन जीवन की दिशा , सच में है प्रतिकूल !!
पूड़ी और कचौड़ी में , भला क्या होगा स्वाद ,
जो तुम एक मनुरम रहे , प्यारा सा एक साग !!
प्रियसी अब ना खोलेगी , अपने खिड़की द्वार ,
बचा हुआ ये रंग अब , अपने ऊपर डाल !!
प्रेम रंग के फव्वारों को उसको भूल ही जाना था ,
किसी और का लाल रंग जो सर पर उसे सजाना था !!
लाल हरा नीला चमकीला , भू को सबने खूब रंगा था
मैंने देखा बिखरे रंगों में , तेरा मेरा चित्र सज़ा था !!
आँख का काला गाल का गोरा , दिल का रंग गुलाबी है
रंगों की सुंदर दुनिया में एक , तेरा रंग नवाबी है !!
साथ निभाके रीत निभाके , गाया तेरा गीत ,
साँसें दे दी फिर भी हो गयी , तेरे अहंकार की जीत !!
ऐ ईश्वर अब दया दिखा तू , सबने छोड़ा साथ ,
रंग बदलती ये दुनिया अब , तोड़ रही विश्वास !!