बारिश

मन को शांत,
तन को सरोबार,
जीवन को सरस 
ह्रदय को तृप्त,
करती बारिश।
सपनों को रंग,
होंठों को शीतल,
आत्मा को संतृप्त,
धरती को नम,
करती बारिश।
पेड़ों को राहत,
फूलों को चाहत,
दिल को चैन,
पंछियों को रैन,
करती बारिश।
प्रेम का आगाज,
संयोग का पल,
मिलन की प्रीत,
सृजन का आधार,
करती बारिश।  
 


तारीख: 07.03.2024                                    रेखा पारंगी









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