वरदान

इसे देख सकते है आप और मै,
यह रंगो से भर मेर देश है,
पर उनका क्या जो इस खूबसूर्ती को देख नही पाते,
हम तो सिर्फ उनपर बनाते है बाते।

क्या उन्हे नही है हक ये सब देख पाने का,
क्या हम पुरा कर सकते है इनका यह सपना छोटा सा?
जाकर देखो उनकी मा की आंखो मे,
राह देख रही है की कोई उन्के बचे को दृष्टी दे...।

गुण इत्ने है की वे हमे भी हर सकते है,
अगर उन्हे मोका मिले तो वे कुछ भी पा सकते है।
उन्हे जरुरत है सिर्फ आपके इस योगदान की,
वह राह देख रहे है सिर्फ इसकी हि।

जब आपका हो जए तो किसी और को दे देना यह उपहार ,
वह भी तो देखे येह सुन्दर दुनिया केसी है बहार!
वे देख्ना चाहते है शाम की धूप,
वे तो यह भी नही जन्ते केसा है उनका खुद का रूप!!
 


तारीख: 21.02.2024                                    नीति पटेल









नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है