खबर नही आती

 

उसकी तब तक खबर नही आती
आँख अश्कों से भर नही आती ।

रोज मिलती है वो रकीबो से
जाने क्यों मेरे घर नहीं आती ।

आज जी लो ये ज़िन्दगी हँसकर
मौत किसको मगर नही आती ।

माँ के हाथों में देखकर छाले
आज क्यों आँख भर नही आती ।

जाऊं तो मैं कहाँ बता भी दो
याद तेरी किधर नही आती ।

आँख उसकी भरी भरी सी है
बात कोई नज़र नही आती ।

शायरी में है नाम मेरा रिशु
मुझको जेरो ज़बर नही आती ।


तारीख: 15.06.2017                                    ऋषभ शर्मा रिशु









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