वक़्त लम्हे यूँ ही गुज़र जाते हैं,
मुहब्बत के अफ़साने बहुत याद आते हैं|
न तब कुछ कह पाते थे,
न अब कुछ कह पाते हैं,
वक़्त लम्हे यूँ ही गुज़र जाते हैं||
याद जब भी तुम्हारी आती है,
दिल भर आता है, आँख भर आती है,
इस भरी दुनिया में खुद को तन्हा पाते हैं,
वक़्त लम्हे यूँ ही गुज़र जाते हैं||
नज़र हर कहीं ढूंढ़ती है तुमको ,
दिल भी तुमको ही ढूंढ़ता है ,
हर सांस में बसी तुम हो ,
दिल तुम्हारे लिए ही धड़कता है ,
अपने वादे हम आज भी निभाते हैं,
वक़्त लम्हे यूँ ही गुज़र जाते हैं||
इश्क़ के खुमार को छुपाऊं कैसे?
दिल में जो है गुबार , वो बताऊँ कैसे ?
तन्हाइयों में छुपकर हम गीत गुनगुनाते हैं,
वक़्त लम्हे यूँ ही गुज़र जाते हैं||
दिल तो रोता है पर अश्कों को छुपाते हैं,
वक़्त लम्हे यूँ ही गुज़र जाते हैं||