धर्म और धन्धा

                  ( कविता )

 

               धर्म और धन्धा

 

 

आओ, तर्कशीलता और तठस्थता से गौर करें

धर्म और धन्धे की परिभाषा क्या है?

धर्म का अर्थ है- अन्तर्निहित गुण।

अंतरिक्ष का धर्म है अपार अनन्तता

अनल का धर्म है जलना और जलाना

अनिल का धर्म है प्राणदान एवं उड़ाना

अम्बर का धर्म है अत्यधिक ऊँचा उठाना

धरती का धर्म है धैर्य-धन धारण करना

सलिल का धर्म है शीतलता धारण करना

सागर का धर्म है गहराई और विशालता

प्रकृति का धर्म है पालन-पोषण-संहार

 

                इसी प्रकार

 

मानव का धर्म है महानतम मनुष्यता दिखाना

मानव का धर्म है प्राणियों पर दया दिखलाना

मानव का धर्म है दीन-दुखियों की मदद करना

मानव का धर्म है पवित्र प्रेम प्रदर्शित करना

मानव का धर्म है कलित करुणा करना

मानव का धर्म है सहनशीलता, सद्भावना

मानव का धर्म है समानता, सौहार्द अपनाना

मानव का धर्म है सुहानी समरसता अपनाना

मानव का धर्म है पंकिल पाखण्ड परे हटाना

मानव का धर्म है वैज्ञानिक दृष्टिकोण दर्शाना

मानव का धर्म है सबको साथ लेकर चलना

मानव का असली धर्म है हमेशा हिंसा हटाना

मानव का मुख्य धर्म है मनुष्य, सिर्फ मनुष्य बन जाना

 

                     परन्तु

 

पत्थर-पीतल हेतु महल बनवाना धर्म नहीं, धन्धा है

पत्थरों में प्राण-प्रतिष्ठा करना धर्म नहीं, धन्धा है

नदी-नालों में मुक्ति हेतु नहाना धर्म नहीं, धन्धा है

केवल काल्पनिक कथाएँ सुनाना धर्म नहीं, धन्धा है

बिना सबूत कल्पित ग्रन्थों को सबसे प्राचीन बताना धर्म नहीं, धन्धा है

भक्तों से पंकिल पाखण्डियों द्वारा पैर दबवाना धर्म नहीं, धन्धा है

पीताम्बर पहनकर प्रवचन देना धर्म नहीं, धन्धा है

विरोध विद्यालय का करके मंदिर बनवाना धर्म नहीं, धन्धा है

प्राचीन पाखण्डों को पढ़ाना धर्म नहीं, धन्धा है

सत्संग के नाम पर उल्लू बनाना धर्म नहीं, धन्धा है

दान-दक्षिणा दलाली लेना धर्म नहीं, धन्धा है

पाखण्डपूर्ण पर्ची खोलना धर्म नहीं, धन्धा है

हरिओम! हरिओम! करना धर्म नहीं, धन्धा है

लूटकर लोगों को विदेशों में आश्रम बनाना धर्म नहीं, धन्धा है

सेवा बताकर गुलामी करवाना धर्म नहीं, धन्धा है

चालाक चोरों द्वारा चमत्कार चर्चा करना धर्म नहीं, धन्धा है

नामकरण संस्कार करना धर्म नहीं, धन्धा है

ग्रह-गोचर का डर दिखलाना धर्म नहीं, धन्धा है

कुण्डली बनाकर दौलत कमाना धर्म नहीं, धन्धा है

हस्तरेखा देखकर भाग्य बताना धर्म नहीं, धन्धा है

नये-नये अवतारों की कल्पना करना धर्म नहीं, धन्धा है

अन्धविश्वास अत्यधिक बढ़ाना धर्म नहीं, धन्धा है

कावड़ कर में उठवाना धर्म नहीं, धन्धा है

चार धाम की यात्रा करना धर्म नहीं, धन्धा है

हरिद्वार और सोरों में अस्थि विसर्जन करते वक्त,

अजगर जैसा मुँह खोलना, धर्म नहीं, धन्धा है

टोने-टोटके जादू-मंत्र पढ़ना धर्म नहीं, धन्धा है

पैसे लेकर भूत भगाना धर्म नहीं, धन्धा है

कंकड़-पत्थरों के लिए जीव-जन्तुओं की बलि चढ़ाना धर्म नहीं, धन्धा है

बिना मेहनत माल मारना धर्म नहीं, धन्धा है

भोले जीवों को बहकाना धर्म नहीं, धन्धा है

कल्पित ग्रन्थों का पाठ करना धर्म नहीं, धन्धा है

झूठे तिलक लालची लोग लगाते धर्म नहीं, धन्धा है

कंकड़-पत्थरों की पूजा करना धर्म नहीं, धन्धा है

पूजा करके पैसा कमाना धर्म नहीं, धन्धा है

मृत्युभोज में माल उड़ाना धर्म नहीं, धन्धा है

तीर्थों में लोगों को लूटना धर्म नहीं, धन्धा है

गली-गली लूट की दुकान खोलना धर्म नहीं, धन्धा है

भक्तों के पैसों से मौज उड़ाना धर्म नहीं, धन्धा है

प्रचार पाखण्डों का करना धर्म नहीं, धन्धा है

लूटकर लोगों को प्राइवेट जेट में बैठना धर्म नहीं, धन्धा है

साँचे लोगों की ठठरी बाँधना धर्म नहीं, धन्धा है

व्रत,उपवास और बगुला भक्ति धर्म नहीं, धन्धा है

गले में कण्ठी-माला लटकाना धर्म नहीं, धन्धा है

लड़कपन में “बाबा” बन जाना धर्म नहीं, धन्धा है

 

 

                       और

 

इन ढोंग-ढपाड़े पंकिल पाखण्डों का पूर्ण खात्मा करना

सच्ची मानवता है

हाँ, सच्ची मानवता है।।

 

 

 

 

 


तारीख: 11.07.2025                                    पवन कुमार "मारुत"




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