मां जो दो दिन पहले ही मेरे जीवन में आई थी।
मेरी मां बचपन में ही छोड़ गई थी मुझको,
यह मेरे पापा की दूसरी लुगाई (बीबी)थी।
सुना था सौतेली मां सौतेली और सगी मां सगी होती है।
सगी मां खूब प्यार देती है और
सौतेली खूब प्यार से धोती (पीटती) है।
दोनों मांओं में मैने बस मां शब्द ही जाना,
उसके धुनने को मैंने बस सबक (सीख) ही माना।
अब वह सौतेली मां ही मेरी सगी मां होती है,
दूर कहीं चला जाऊं तो मुझे याद करके रोती है।