सौतेली मां

मां जो दो दिन पहले ही मेरे जीवन में आई थी।

मेरी मां बचपन में ही छोड़ गई थी मुझको,

यह मेरे पापा की दूसरी लुगाई (बीबी)थी।

 

सुना था सौतेली मां सौतेली और सगी मां सगी होती है।

सगी मां खूब प्यार देती है और

सौतेली खूब प्यार से धोती (पीटती) है।

 

दोनों मांओं में मैने बस मां शब्द ही जाना,

उसके धुनने को मैंने बस सबक (सीख) ही माना।

अब वह सौतेली मां ही मेरी सगी मां  होती है,

दूर कहीं चला जाऊं तो मुझे याद करके रोती है।


तारीख: 17.03.2025                                    निधी खत्री




रचना शेयर करिये :




नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है