यदि मैं तुम्हें बुलाऊँ

यदि मैं तुम्हें बुलाऊँ
सादर आमंत्रित है सभी तुम्हारी बुराइयाँ भी


तुम्हारा राग द्वेष झुँझलाहट
बुलावा है तुम्हारे डर को तुम्हारे दर्द को
निमंत्रण है तुम्हारे ग़ुस्से को प्यार को


ये सब तुम्हारा हिस्सा हैं
मैंने बुलाया है तुम्हें तुम्हारे हर पहलू के साथ..


तारीख: 18.06.2017                                    राहुल तिवारी




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