बातों ही बातों मे बात कजा हो जाएगी
नींद मारी जाएगी रात कजा हो जाएगी
ये कैसा धरम है ये कैसे लोग हैं जिनकी
अछूतों के छूने से जात कजा हो जाएगी
छुपने वाले छुपकर के घात लगाए बैठे हैं
शोर शराबा न करो घात कजा हो जाएगी
तेरा क्या है तू आएगी भी या ना आएगी
तेरे भरोसे रहा,बरसात कजा हो जाएगी
वक़्त की कीमत है वक़्त ताज है"आलम"
वक़्त निकला,मुलाकात कजा हो जाएगी