सारे फलों में मैं ही वह फल हूॅं !
जो हूॅं एकदम अलबेला!
सारे फल तुलकर मिलते हैं!
मुझे तोलने का नहीं झमेला !
सारे फल होते हैं मौसमी!
मैं हूॅं एक हटेला !
लेते हैं दर्जन में मुझको!
नहीं लेता कोई अकेला!
बच्चे - बड़े शौक से खाते ,
कहते हैं मुझको केला।।
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