फल अलबेला

सारे फलों में मैं ही वह फल हूॅं !

जो हूॅं एकदम अलबेला!

सारे फल तुलकर मिलते हैं!

मुझे तोलने का नहीं झमेला !

सारे फल होते हैं मौसमी!

मैं हूॅं एक हटेला !

लेते हैं दर्जन में मुझको!

नहीं लेता कोई अकेला!

बच्चे - बड़े शौक से खाते ,

कहते हैं मुझको केला।।


तारीख: 05.07.2025                                    निधी खत्री




रचना शेयर करिये :




नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है