रचनाकार परिचय - मुसाफ़िर

musafir * जन्म - 1989

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पढ़िए इनका परिचय

आर्मी पृष्ठभूमि के बेटे मुसाफ़िर का बचपन देश‑भर की सैन्य छावनियों में बीता, जहाँ बदलते नगरों ने उनमें जिज्ञासा और अनुकूलन‑शक्ति दोनों रोपी। सैनिक स्कूल से शिक्षा‑दीक्षा के बाद इन्होंने शास्त्र विश्वविद्यालय, तंजावुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और आज एक बहुराष्ट्रीय आई‑टी कंपनी में वरिष्ठ प्रबंधक हैं।

 

वे समर्पित पर्यावरणविद् भी हैं—भारत के लगभग सभी राज्यों में 3,000 से अधिक पेड़ रोप चुके हैं और पचास देशों में‑भी वृक्षारोपण अभियानों का हिस्सा बने हैं। अमेज़न वर्षावनों व कुछ अफ़्रीकी राष्ट्रों में संरक्षण‑के लिए भूमि खरीद कर उन्होंने हरित धरोहर को सुरक्षित रखने का व्यक्तिगत संकल्प लिया है।

फ़ोटोग्राफ़ी, यात्रा, खगोल‑विज्ञान, सिनेमा, दर्शन और साहित्य उनके स्थायी सहयात्री हैं। साथ‑ही कैंसर रोगियों व अनाथ बच्चों की सहायता हेतु वे निरंतर दान‑कार्य से जुड़े रहते हैं।

 

यही बहुरंगी अनुभव उनकी कविताओं में विस्तार, संवेदना और अनपेक्षित चमक घोलते हैं। उनकी कविताएँ रोज़मर्रा की ज़िंदगी के उन अनछुए कोनों को उजागर करती हैं जहाँ गहरी भावनाएँ चुपचाप निवास करती हैं। उनकी  कविताएँ अक्सर खोए हुए प्रेम, बदलते रिश्तों, और अस्तित्व की खोज के विषयों को छूती हैं। 

उनकी कविताएँ बड़ी घोषणाएँ नहीं करतीं, बल्कि धीरे से पाठक के मन में उतर जाती हैं, और एक अनकही कसक छोड़ जाती हैं। 

 

'मुसाफ़िर' की कलम से निकला पहला काव्य-संग्रह, "चाँद रातें और बोझिल दिन", हाल ही में प्रकाशित हुआ है! यह दिल को छू लेने वाली कविताओं का संकलन अब अमेज़न पर पाठकों के लिए उपलब्ध है। :  Chaand Raate Aur Bojhil DIn

दिल को छू जाने वाली इनकी रचनाये आप नीचे पढ़ सकते हैं

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